राज्यसभा सचिवालय द्वारा आवंटित आवास रद होने पर आप नेता राघव चड्डा ने भाजपा पर बोला हमला

नई दिल्ली। राज्यसभा सचिवालय द्वारा आवंटित आवास रद होने पर आप नेता राघव चड्डा ने भाजपा पर हमला बोला है। राघव ने कहा कि मेरे विधिवत आवंटित आधिकारिक आवास को बिना किसी सूचना के रद करना मनमाना व्यवहार है।

राघव ने कहा कि राज्यसभा के 70 से अधिक वर्षों के इतिहास में यह अभूतपूर्व है कि एक मौजूदा राज्यसभा सदस्य को उसके विधिवत आवंटित आवास को उससे छीना गया है, जहां वह कुछ समय से रह रहा है और राज्यसभा सदस्य के रूप में उसका कार्यकाल चार साल से अधिक बाकी है।

आदेश में कई अनियमितताएंः राघव

AAP नेता ने कहा कि इस बारे में जारी किए गए आदेश में कई अनियमितताएं हैं। पूरी कवायद के तरीके से मेरे पास यह मानने के अलावा कोई विकल्प नहीं है कि यह सब भाजपा के आदेश पर राजनीतिक उद्देश्यों और निहित स्वार्थों को आगे बढ़ाने के लिए किया गया है ताकि मेरे जैसे मुखर सांसदों द्वारा उठाई गई राजनीतिक आलोचना को दबाया जा सके।

उन्होंने कहा कि यह इस तथ्य से और उजागर होता है कि मेरे कई पड़ोसी पहली बार सांसद बने हैं, जिनमें सुधांशु त्रिवेदी, दानिश अली, राकेश सिन्हा और रूपा गांगुली जैसे को उनकी पात्रता से ऊपर वहीं आवास आवंटित किया गया है।

पटियाला हाउस कोर्ट ने चड्ढा को मिले टाइप-सात के सरकारी बंगले को खाली कराने के लिए राज्यसभा सचिवालय के आदेश पर लगी अंतरिम रोक हटा दी है। कोर्ट ने पाया कि यह आवंटन चड्ढा को राज्यसभा सदस्य के नाते विशेषाधिकार के तहत दिया गया था। यह विशेषाधिकार वापस लेने और आवंटन रद किए जाने की सूरत में उस पर कब्जा जारी रखने का उनका कोई निहित अधिकार नहीं है। ऐसे चड्ढा को यह सरकारी बंगला खाली करना होगा।

आवंटन कर दिया गया था निरस्त

पंजाब से राज्यसभा सदस्य राघव चड्ढा को छह जुलाई 2022 को नई दिल्ली के पंडारा रोड पर टाइप-छह का बंगला आवंटित हुआ था। 29 अगस्त 2022 को चड्ढा की ओर से राज्यसभा अध्यक्ष को एक प्रत्यावेदन दिया कि उनको टाइप-सात का बंगला आवंटित कर दिया जाए। उस पर विचार करते हुए चड्ढा को राज्यसभा पूल से पंडारा रोड पर ही टाइप-सात का दूसरा बंगला आवंटित कर दिया गया था, जिसका उन्होंने नवंबर 2022 में कब्जा ले लिया था।

इस वर्ष तीन मार्च को पत्र के माध्यम से राघव चड्ढा को सूचित किया गया कि टाइप-सात बंगले का आवंटन निरस्त कर दिया गया है। उन्हें इसे खाली करना होगा, क्योंकि यह उनकी पात्रता से अधिक था। 

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